साइबर अपराधों से संबंधित भारतीय दण्ड संहिता
मानव समाज के विकास के नज़रिए से सूचना और
संचार तकनीकों की खोज को बीसवीं शताब्दी का सबसे महत्वपूर्ण अविष्कार माना जा सकता
है। सामाजिक विकास के विभिन्न क्षेत्रों, ख़ासकर
न्यायिक प्रक्रिया में इसके इस्तेमाल की महत्ता को कम करके नहीं आंका जा सकता,
क्योंकि इसकी तेज़ गति, कई छोटी-मोटी
द़िक्क़तों से छुटकारा, मानवीय गलतियों की कमी, कम ख़र्चीला होना जैसे गुणों के चलते यह न्यायिक प्रक्रिया को विश्वसनीय
बनाने में अहम भूमिका निभा सकती है। इतना ही नहीं, ऐसे
मामलों के निष्पादन में, जहां सभी संबद्ध पक्षों की शारीरिक
उपस्थिति अनिवार्य न हो, यह सर्वश्रेष्ठ विकल्प सिद्ध हो
सकता है। सूचना तकनीक क़ानून के अंतर्गत उल्लिखित आरोपों की सूची निम्नवत हैः-
कंप्यूटर संसाधनों से छेड़छाड़ की कोशिश-धारा 65
कंप्यूटर में संग्रहित डाटा के साथ छेड़छाड़
कर उसे हैक करने की कोशिश-धारा 66
संवाद सेवाओं के माध्यम से प्रतिबंधित सूचनाएं
भेजने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 ए
कंप्यूटर या अन्य किसी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट से
चोरी की गई सूचनाओं को ग़लत तरीके से हासिल करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 बी
किसी की पहचान चोरी करने के लिए दंड का
प्रावधान-धारा 66 C
अपनी पहचान छुपाकर कंप्यूटर की मदद से किसी के
व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच बनाने के लिए दंड का प्रावधान- धारा 66 D
किसी की निजता भंग करने के लिए दंड का
प्रावधान-धारा 66 E
साइबर आतंकवाद के लिए दंड का प्रावधान-धारा 66 F
आपत्तिजनक सूचनाओं के प्रकाशन से जुड़े
प्रावधान-धारा 67
इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से सेक्स या अश्लील
सूचनाओं को प्रकाशित या प्रसारित करने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 67 A
इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से ऐसी आपत्तिजनक
सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण, जिसमें बच्चों को अश्लील
अवस्था में दिखाया गया हो-धारा 67 B
मध्यस्थों द्वारा सूचनाओं को बाधित करने या
रोकने के लिए दंड का प्रावधान-धारा 67 C
सुरक्षित कंप्यूटर तक अनाधिकार पहुंच बनाने से
संबंधित प्रावधान-धारा 70
डाटा या आंकड़ों को ग़लत तरीक़े से पेश
करना-धारा 71
आपसी विश्वास और निजता को भंग करने से संबंधित
प्रावधान-धारा 72 A
कॉन्ट्रैक्ट की शर्तों का उल्लंघन कर सूचनाओं
को सार्वजनिक करने से संबंधित प्रावधान-धारा 72 A
फर्ज़ी डिजिटल हस्ताक्षर का प्रकाशन-धारा 73
सूचना तकनीक क़ानून की धारा 78 में इंस्पेक्टर स्तर के पुलिस अधिकारी को इन मामलों में जांच का अधिकार हासिल
है.............................
भारतीय दण्ड संहिता (आईपीसी) में साइबर
अपराधों से संबंधित प्रावधान
1.ईमेल के माध्यम से धमकी भरे संदेश
भेजना-आईपीसी की धारा 503
2.ईमेल के माध्यम से ऐसे संदेश भेजना,
जिससे मानहानि होती हो-आईपीसी की धारा 499
3.फर्ज़ी इलेक्ट्रॉनिक रिकॉड्र्स का
इस्तेमाल-आईपीसी की धारा 463
4.फर्ज़ी वेबसाइट्स या साइबर फ्रॉड-आईपीसी
की धारा 420
5.चोरी-छुपे किसी के ईमेल पर नज़र
रखना-आईपीसी की धारा 463
6.वेब जैकिंग-आईपीसी की धारा 383
7.ईमेल का ग़लत इस्तेमाल-आईपीसी की धारा 500
8.दवाओं को ऑनलाइन बेचना-एनडीपीएस एक्ट
9.हथियारों की ऑनलाइन ख़रीद-बिक्री-आर्म्स
एक्ट
Comments
Post a Comment